स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने राज्‍यों को आवश्‍यक दवाईयों की होम डिलिवरी करने का दिया सुझाव

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे कोरोना महामारी के दौरान माता और बच्‍चों का स्‍वास्‍थ्‍य सुनिश्चित करने के लिए कनटेंमेंट जोन्‍स में कैल्सियम, जीवन रक्षक घोल–ओ आर एस, जिंक, गर्भ निरोधक और आयरन-फोलिक एसिड गोलियों जैसी चीजों की होम डिलिवरी की व्‍यवस्‍था करें।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा है कि प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य, मातृ स्‍वास्‍थ्‍य और नवजात शिशु, बच्‍चों, किशोर-किशोरियों के स्‍वास्‍थ्‍य तथा पौष्टिक आहार की आपूर्ति को भी आवश्‍यक वस्‍तुओं से संबंधित सेवाओं में शामिल किया जाना चाहिए। इस संबंध में मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में इस बात पर जोर दिया गया है कि कोविड-19 के बावजूद महिलाओं, बच्‍चों और किशोर-किशोरियों के स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित महत्‍वपूर्ण सेवाओं को जारी रखा जाना चाहिए।

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि स्‍वास्‍थ्‍य अभियान के तहत दी जाने वाली विटामिन-ए खुराक, ड‍ाइरिया नियंत्रण पखवाडा, राष्‍ट्रीय कृमि उन्‍मूलन दिवस, ए‍नीमिया के बारे में परामर्श जैसे अभियान स्‍थानीय स्थिति का ध्‍यान रखते हुए संचालित किए जाने चाहिए। इन अभियानों के लिए दवाओं आदि के वितरण की व्‍यवस्‍था वैकल्पिक प्रणाली के जरिए की जानी चाहिए।

मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 के सभी संदिग्‍ध और पॉजिटिव मामलों में संबंधित सेवाएं कोविड-19 सुविधा केन्‍द्रों में उपलब्‍ध करायी जानी चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि इन सेवाओं के लिए कोविड-19 का परीक्षण कराना अनिवार्य नहीं है और इस संबंध में आई सी एम आर के दिशा निर्देशों के पालन किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि देश में हर साल ढाई करोड महिलाएं गर्भधारण करती हैं और उन्‍हें आवश्‍यक चिकित्‍सा सुविधाएं सुनिश्चित कराना जरूरी है।